यहाँ आपलोगों को हम Engineer`s day के बारे में हम बतलाने वाले हैं की
Engineer`s day क्या है , Engineer`s day कब मनाया जाता है , यह क्यों
मनाया जाता है , इसकी विशेषता क्या है
और भी इससे संबंधित तमाम चीजे जो आपके जानने योग्य है | ये सारी बाते यहाँ आपको हम
बतलाने वाले हैं |
जो students इंजीनियरिंग के हैं या पहले रह चुके हैं या बाद में इंजीनियरिंग की
पढाई करने वाले हैं , उनलोगों के लिए ये ख़ास दिन तो है ही साथ में यह post भी
इनके पढ़ने के लिए ख़ास है | लेकिन जो इंजीनियरिंग के छात्र नहीं है उनके लिए भी यह
post ख़ास है क्युकी आपको इस post में इंजीनियरिंग की विशेष बाते पता चलेंगी जो
आपके ज्ञान को इस क्षेत्र में बढ़ाएगा क्युकी मेरा मानना है की हर व्यक्ति को सभी
क्षेत्र में थोडा ज्ञान अवश्य होना चाहिए |
तो आइये इन्ही सारी बातो को हम यहाँ आपको बतलाने वाले हैं तो इस post को आप ध्यान
से जरुर पूरा पढ़े 👇👇
Engineer`s day कब मनाया जाता है ?
Engineer`s day 15 सितम्बर को हर साल मनाया जाता है |
Engineer`s day क्यों मनाया जाता है ?
Engineer`s day भारत के महान इंजिनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता
है | मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या भारत के एक बहुत ही होनहार और प्रतिभाशाली इंजिनियर
थे | इन्होने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बहुत सारी नयी उपलब्धियां लायी और
इन्होने कई सारे डैम और भी अनेक चीजो में अद्वितीय प्रदर्शन किया |
इन्ही सारी उपलब्धिओं के कारन इनको सम्मान देने के लिए और इनका जन्म दिवस याद
करने के लिए 15 सितम्बर को हर साल Engineer`s day के रूप में
मनाया जाता है |
कोई भी दिवस इसीलिए मनाया जाता है की उस दिवस से संबंधित उस व्यक्ति को सम्मान
मिल सके और लोग , छात्र उस महान व्यक्ति को याद कर सके | उसी तरह Engineer`s day भी मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या को उनके जन्म दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है
|
नीचे आपको मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या के बारे में और अधिक हम बतलाने वाले हैं की आकिर
इनके क्या कार्य थे जिससे प्रभावित होकर इनके सम्मान और जन्म दिवस को याद करने
के लिए 15 सितम्बर को Engineer`s day मनाया जाने लगा 👇
Engineer`s day 2021 Theme
Engineer`s day 2021 का theme है - `Engineering for A Healthy Planet` और यह UNESCO Engineering Report सेलिब्रेट कर रह है |
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या की जीवनी
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या का जन्म मैसूर में एक
तेलुगु परिवार में 15 सितम्बर 1860 को हुआ था | मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या सर एमवी के नाम से भी विख्यात हैं | इनके पिता का नाम श्रीनिवास शास्त्री था और
माता का नाम वेंक्चामा था | इनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी
| इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से इनको बहुत सारी मुश्किलों का
सामना भी करना पड़ा लेकिन अपनी हिम्मत और मेहनत से तेज़ बुद्धि का परिचय हमेशा
दिया | इसी का अज परिणाम है की आज मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या को पूरी विश्व याद करती है जो की आप भी जानते हैं
और इंजिनियरों के लिए आज ये प्रेरणा स्रोत हैं | इनका
निधन 14 अप्रैल 1962 को हो गया |
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या के द्वारा किये गए महान कार्य
एक बार जब कुछ भारतीय इंजिनियर को अमेरिका में कुछ फक्टोरियों को देखने के लिए
भेजा गया था तो वहां पर उपस्थित उस फैक्ट्री के मालिक ने बोला की अगर आपलोगों
को यह मशीन देखना है तो आपको 75 फीट ऊँची सीढि पर चढ़ना होगा | इससे सभी
भारतीय इंजिनियर घबरा उठे लेकिन उन्ही में से सिर्फ
तीन भारतीय इंजिनियर ही इस काम को किया और उन्ही में से एक
थे मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या |
कर्नाटक को भी पूर्ण विक्सित करने में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या का बहुत ही ज्यादा योगदान है | यहाँ पर उन्होंने कई
सारी फैक्ट्री की स्थापना करवाई | इन्होने राज्य में बच्चों को पढने के लिए
बहुत सारे school और college की नयी स्थापना करवाई | इन्होने गरीबी को भी हटाने
का कार्य किया इसीलिए
इन्हें कर्नाटक का भागीरथ भी कहा जाता है
|
इन्होने सिचाई व्यवस्था को अच्छा करने के लिए नयी ब्लॉक सिस्टम पद्धति को
बनायीं | इन्होने steel के दरवाजे बनाये जो बाँध से पानी के बहाव को रोकता था |
इनकी इस ने पद्धति को विक्सित करने के लिए और नए कार्य के लिए इनकी बहुत ही वाह
वाही भी हुई |
एक बार मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या अंग्रेजो के समय में ट्रेन पर यात्रा कर रहे थे ,
इनके काले रंग को देखकर अंग्रेज इनका मजाक उड़ा रहे थे लेकिन मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या ने अंग्रेजो को कुछ नहीं कहा | कुछ देरी बैठने के
बाद मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या ने ट्रेन का चैन खीच दिया जब अंग्रेजो ने और ट्रेन
के गार्ड ने इसका कारन पूछा तो मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या ने बोला की मुझे अनुभव हुआ की यहाँ से कुछ दुरी आगे
ट्रेन की पटरी उखड़ी हुई है | जब अंग्रेज यात्री और गार्ड मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या को लेकर थोडा आगे पहुचे तो सच में वहां की ट्रेन की
पटरी उखड़ी हुई थी | इस पर अंग्रेजों ने और गार्ड ने पूछा की आपको ये कैसा पता
चला की यहाँ की पटरी उखड़ी हुई है तो मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या ने जवाब दिया की मुझे ट्रेन की गति और इसकी आवाज से
यह पता चला | जब सब ने उनका नाम पूछा तो उन्होंने जवाब दिया की मेरा
नाम मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या है | उसी समय से मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या पुरे विश्व में अधिक प्रचलित हो गए थे |
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या को मिले पुरस्कार के बारे में जाने
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अद्वितीय क्रांति
लाने के कारन इनको भारत सरकार के द्वारा सन 1955 में भारत रत्न से नवाजा गया
|
इनको और भी अलग अलग स्थानों पर इनके कार्य के लिए कई सारे पुरस्कार मिल चुके
हैं |
Engineer`s day 2021
Engineer`s day 2021 , 15 सितम्बर को मनाया जा रहा है और ये हर साल भी 15
सितम्बर को ही मनाया जाता है , इसकी तिथि कभी भी बदलती नहीं है |
निष्कर्ष
यहाँ हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से आपलोग जरुर जान गए होंगे की Engineer`s day क्या है , Engineer`s day कब मनाया जाता है , यह क्यों
मनाया जाता है , इसकी विशेषता क्या है |
अगर आपलोगों को यह जानकारी अच्छी लगी तो इस post को अपने सभी दोस्तों के पास
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सके तथा आपको यह जानकारी कैसी लगी , नीचे कमेंट्स box में कमेंट जरुर करे |
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