यहाँ आपलोगों को हम बतलाने वाले हैं की
बिजली कैसे बनती है , इसे कितने तरीको से बनाया जाता है और कैसे यह बिजली हम तक
पहुँचती है
| ये सवाल आपलोगों को बचपन से लेकर बड़े होने तक किताबों में और मोबाइल में और कही
अन्य सूना होगा और पढ़ा भी होगा , लेकिन बहुत सारे लोगो को इस सवाल का जवाब पता नहीं
होता है , इसलिए यहाँ आपलोगों को हम इन सभी टॉपिक्स के बारे में बतलायेंगे 👇👇
बिजली क्या है ? - What is Electricity ?
बिजली विद्युत् आवेश का प्रवाह है जो धन और ऋण आवेश दोनों से मिलकर बनी होती है
| इसे आप देख नहीं सकते लेकिन आज के समय में बिजली का इतना ज्यादा उपयोग है की
आप इसके बगैर 1 दिन भी नहीं गुजर कर सकते |
सभी फैक्ट्री , office , school , बिज़नेस , मशीन ये सभी बिजली पर ही आधारित हैं
, अगर बिजली न रहे तो पूरी विश्व अँधेरे में डूब जाए और लाखों करोडो काम ठप हो
जाएगा , इसलिए आज के समय में बिजली एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है |
हालांकि वैज्ञानिकों ने बिजली के अलावा प्रकाश के लिए कई अन्य उपकरणों की खोज
कर ली है , परन्तु ये पर्याप्त नहीं है और इन्हें भी चलने के लिए बिजली से
चार्ज होने की आवश्यकता होती है और अगर कुछ उपकरण सौर्य उर्जा से भी चार्ज हो आ
रहे हैं तो ये सभी पर्याप्त नहीं हैं और बहुत महंगे होते हैं |
पानी से बिजली कैसे बनती है - how to make electric from water
पानी से बिजली बनाने के लिए सर्वप्रथम हमें बहुत ही ज्यादा मात्रा में पानी की
आवश्यकता होती है और इसके लिए उचित जगहों पर डैम और बांध बनाये जाते हैं ताकि
एक जगह पानी का रुकाव हो सके और हम अपनी आवश्यकता अनुसार उस पानी को उपयोग कर
सके |
याद रखे बिजली कोई भी विधि से बनायीं जा रही हो सभी में टरबाइन का प्रयोग होता
ही होता है |
पानी से बिजली बनाने की विधि निम्न है --------
1. सर्वप्रथम पानी से बिजली बनाने वाली फैक्ट्री उन जगहों पर स्थापित की जाती
है जहाँ ऐसा डैम या बाँध हो जहाँ से पानी का तेज बहाव हो और पर्याप्त मात्रा
में सालों भर पानी रहता है |
2. अब एक ऐसा पाइप से design बनाया जाता है जिससे की डैम से पानी सीधे तेज बहाव
से नीचे पानी फैक्ट्री में आ सके
3. अब जहाँ पर पानी आता है वहां पर एक बहुत बड़ा टरबाइन फिट किया हुआ रहता है ,
जिससे की पानी के बहाव से टरबाइन बहुत तेज गति से घूम सके |
4. अब जैसे ही पानी का तेज बहाव आना चालू होता है वैसे ही मोटर घुमने लगता है
और मोटर से मजबूत तार फिट किया हुआ रहता है |
5. अब जितना देरी तक पानी आता रहता है उतना देरी तक मोटर से बिजली उत्पादित
होते रहती है |
6. अब उस बिजली को सभी जगह भेज दिया जाता है |
टरबाइन क्या होता है ?
टरबाइन को मोटर ही कहा जाता है , इसमें यांत्रिक उर्जा को विद्युत् उर्जा में
बदल दिया जाता है |
इसमें मोटर के आगे वाला भाग जो लम्बा पतला जैसा रड होता है उसमें एक बहुत बड़ा
पत्ती फिट किया हुआ रहता है , पानी के तेज बहाव से इसी पत्ती को घुमाया जाता है
जिससे मोटर के पीछे लगे तार के द्वारा बिजली बाहर आने लगाती है |
टरबाइन का एक example घरेलु तौर पर
याद करिए बाज़ार में मिलने वाला 30-40 रुपये का एक छोटा मोटर मिलता है जिसका
उपयोग कर छोटा पंखा चलाया जाता है या छोटे खिलौने में भी आपको छोटा मोटर मिल
जाएगा |
एक बार फिर से याद करे जब आप उस छोटे मोटर को छोटे बैटरी से बिजली देते थे तो
उसमें लगा पंखा चलने लगता था लेकिन इसको विद्युत् उर्जा से यांत्रिक उर्जा में
बदलना कहते हैं |
- लेकिन आप एक काम करियेगा आप मोटर के दोनों तार में एक छोटा सा बल्ब जो की 4-5 रुपये में बाज़ार में मिलता है वो लगाइए |
- अब मोटर के आगे निकले पतले लोहे में छोटा पंखा फिट कर दीजिये |
- अब मोटर को किसी बड़े पंखे के पास ले जाइए जो घरो में गर्मी के दिन चलता है , तो आप देखेंगे की आपके मोटर में लगे छोटा पंखा घुमने लगेगा |
- जब यह छोटा पंखा तेजी गति से घुमने लगेगा तो मोटर के तार में लगे बल्ब अपने आप जलने लगेगा |
छोटा मोटर का चित्र |
इससे यही पता चलता है की बड़े पंखे के हवा के वेग से जैसे ही मोटर के पंखे को
घुमाना शुरू किया वह मोटर बहुत ही कम मात्रा में बिजली बनाता है जिससे की वह
बल्ब जलने लगता है |
ठीक इसी तरह जब बहुत बड़े मोटर जिसको टरबाइन कहते हैं , में लगा पत्ती को पानी
से या भाप से घुमाया जाता है तो इससे बिजली बनने लगती है | इससे बना बिजली बहुत
ही ज्यादा वोल्ट का होता है |
भाप से बिजली कैसे बनती है ?
भाप से बिजली पहले के समय में बनाया जाता था , लेकिन हाँ ये जानना आवश्यक है की
आखिर भाप से बिजली कैसे बनती है |
सर्वप्रथम एक ऐसा बंद जगह बना लिया जाता है जिसमें अधिक मात्रा में कोयला को एक
बार में जलाया जा सके और उस बंद जगह से एक पाइप निकाला जाता है , जिसके द्वारा
वहां से निकलने वाला धुआं पाइप के द्वारा आपको जहाँ मन हो वहां ले जाया
सके
1. अब एक जगह टरबाइन को फिट कर दिया जाता है और वहां पर पत्ती के जगह पर उस भाप
के पाइप को लगा कर सेट कर दिया जाता है |
2. अब जितनी तीव्र गति से भाप निकलती है उतनी तीव्र गति से टरबाइन घुमती है और
उससे बिजली बनती है |
3. टरबाइन में लगा तार के द्वारा बनी बिजली बाहर आ जाती है |
सौर्य उर्जा से बिजली कैसे बनती है ?
इसमें आपको सोलर प्लेट की आवश्यकता पड़ती है और इसकी लागत भी बहुत ही अधिक होती
है इसलिए इसकी मांग बहुत ही कम है क्युकी लोगो को कम पैसो में बिजली चाहिए होती
है और ये महंगा होता है |
हालाँकि ये पर्यावरण के अनुसार बिलकुल ठीक है क्युकी इससे पर्यावरण को कोई
नुक्सान नहीं पहुचता है |
1. सबसे पहले आप एक सोलर प्लेट ख़रीदे जो कुछ महंगा तो होगा लेकिन आपके घर जितना
इस्तेमाल होने वाला बिजली बना ही दी है |
2. अब उस सोलर प्लेट को धुप में रख दे और उससे लगा तार बैटरी में जुड़ा हुआ रहता
है |
3. अब सोलर प्लेट दिन भर सूर्य के धुप से बिजली बनाकर आपके बैटरी को चार्ज करती
है |
4. अब आप कभी भी उस बैटरी का प्रयोग करके अपने घर में बिजली का प्रयोग कर सकते
हैं |
कौन सा प्रकार बिजली उत्पादन में अधिक लाभदायक है ?
पहला
बिजली उत्पादन में अगर आपके पास अच्छा पैसा है तो सबसे अच्छी प्रकार सौर्य
ऊर्जा से है क्युकी इससे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता है |
ये महंगा होने के कारन इसका उपयोग ज्यादा स्तर पर कर पाना मुस्किल है लेकिन अगर
आपके पास ऐसा है तो यह प्रकार बहुत ही उपयोगी है |
दूसरा
सौर्य उर्जा बहुत अधिक महंगा होने के कारन यह ज्यादा उपयोगी नहीं है | इसलिए
पुरे विश्व में सबसे अधिक पानी से बिजली उत्पादित किया जाता है |
यह महंगा नहीं होता है क्युकी इसे केवल पानी से बनाया जाता है जो की आप भी
जानते है की पानी कितना सस्ता होता है और खासकर नदियों का पानी जिसका कोई उपयोग
सिर्फ खेती के लिए करता है |
आपके घरों में भी आने वाली बिजली पानी से ही बनी हुई होती है |
बिजली कितने प्रकार के होते हैं - Types of electricity
बिजली भी दो प्रकार की होती है -------------
- AC(Alternating current)
- DC(Direct current)
हमारे घरो में आने वाली बिजली AC(Alternating current) होती है |
नोट :---- याद रखे जो बिजली उत्पादित कर लायी जाती है वो
AC(Alternating current) कहलाती है |
नोट :----- याद रखे जिस बिजली का प्रयोग हम बैटरी से करते हैं चाहे वो सबसे
बड़ी घर में इन्वर्टर के साथ उपयोग होने वाली बैटरी हो या सबसे छोटी NIPPO
बैटरी हो ये DC(Direct current) कहलाती है
|
निष्कर्ष
यहाँ हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से आपलोग जरुर समझ गए होंगे
की बिजली कैसे बनती है , इसे कितने तरीको से बनाया जाता है और यह कितने प्रकार
का होता है |
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